Not known Details About Shiv chaisa
Not known Details About Shiv chaisa
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
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जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
Chanting of Shiva Chalisa is finished through the devotees to be able to remember to and get the blessings in their beloved deity shiv chalisa lyricsl – Lord Shiva.